क्राइम ब्रांच करेगी 28.07 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी की जांच,90 खातों को किया गया फ्रीज

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नोएडा के सेक्टर-22 स्थित साउथ इंडियन बैंक के सहायक प्रबंधक की ओर से 28.07 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने के मामले की जांच अब जनपद की क्राइम ब्रांच करेगी। अभी तक इसकी जांच सेक्टर-24 पुलिस कर रही थी।

डीसीपी हरीश चंदर ने मामला क्राइम ब्रांच में ट्रांसफर होने की पुष्टि की है। करोड़ों की धोखाधड़ी और गबन के मामले में संबंधित बैंक के DGM रीजनल ने सहायक प्रबंधक, उसकी मां और पत्नी समेत अज्ञात के खिलाफ सेक्टर-24 थाने में केस दर्ज कराया था।

शिकायत में रैनजीत आर नायक ने बताया

उन्हें पिछले कुछ दिनों से सेक्टर-22 स्थित शाखा से गड़बड़ी की शिकायत मिल रही थी। इस पर विभाग ने अपनी विजिलेंस टीम से यहां की जांच कराई। जांच में पता चला कि सेक्टर-48 स्थित एसोशिएट इलेक्ट्रॉनिक्स रिसर्च फाउंडेशन नामक कंपनी के खाते से सहायक बैंक प्रबंधक राहुल शर्मा ने 28.07 करोड़ रुपए पत्नी भूमिका शर्मा और मां सीमा समेत अन्य के खातों में ट्रांसफर कर कंपनी व बैंक के साथ धोखाधड़ी की है।

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इस मामले में एसोशिएट इलेक्ट्रॉनिक्स रिसर्च फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने तीन, चार और छह दिसंबर को ईमेल से शिकायत दर्ज कराते हुए खाते से रुपए बिना अनुमति व जानकारी के ट्रांसफर करने के आरोप लगाए थे। मूल रूप से हरियाणा के रोहतक में रहने वाला राहुल शर्मा वर्तमान में सेक्टर-27 में परिवार के साथ रहता है। केस दर्ज होने के बाद वह दोनों पतों पर नहीं मिला है।

90 खातों को किया गया था फ्रीज

केस दर्ज होने के बाद पुलिस उन 90 खातों की जांच कर रही है जिन खातों में रकम ट्रांसफर हुई है। योजना के तहत धोखाधड़ी के लिए सहायक प्रबंधक ने अपनी मां और पत्नी समेत अन्य लोगों का संबंधित बैंक में खाता खुलवाया। खाते को सत्यापित करने के बाद आरोपी ने इन्हीं खातों में निजी कंपनी के करोड़ों रुपए ट्रांसफर कर लिए। 20 से अधिक बार में रकम ट्रांसफर की गई।

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डीसीपी ने बताया

नोएडा समेत अन्य जगह पर आरोपी के होने की आशंका थी वहां पुलिस की तीन टीमों ने दबिश लेकिन अभी तक पुलिस को सफलता नही मिल पायी है। ऐसी आशंका है कि आरोपी परिवार के साथ विदेश भाग सकता है, ऐसे में पुलिस ने रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी कर दिया है ताकि अगर वह एयरपोर्ट पर पहुंचे तो गिरफ्तार किया जा सके।

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